
सुनहरा आंचल न्यूज
कलायत।/अमित बड़सीकरी कलायत विधानसभा में तितरम मोड़ से देवबन कैंची चौक तक 9 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत सेे बनने वाली सडक़ को लेकर भाजपा की पूर्व राज्य मंत्री कमलेश ढांडा और कांग्रेस विधायक विकास सहारण के बीच जुबानी जंग तेज हो चली है। पूर्व राज्य मंत्री की पैरवी में खुद उनके बेटे युवा भाजपा नेता तुषार ढांडा उतर आएं हैं। मंगलवार को लोक निर्माण विश्राम गृह में तुषार ढांडा बेहद आक्रामक तेवरों में दिखे। उन्होंने भाजपा कलायत मंडल अध्यक्ष राजीव राजपूत, बालू मंडल अध्यक्ष नरेंद्र जुलानी खेड़ा, जाखौली मंडल अध्यक्ष अनिल मलिक और राजौंद मंडल अध्यक्ष सुशील पांचाल की मौजूदगी में विभिन्न विकास कार्यों को लेकर पत्रकारवार्ता की। इस दौरान ढांडा ने कांग्रेस विधायक विकास सहारण पर बड़े राजनैतिक हमलोंं की झड़ी लगाई। उन्होंने विधायक पर तंज कसते कहा कि किसी विकास कार्य का श्रेय लेने से पहले अपनी यादास्त ताजा रखें। इसके लिए वे अपनी तरफ से बादाम का कट्टा भेजने को तैयार हैं। तुषार ढांडा ने सडक़ निर्माण कार्य का विवरण पेश करते कहा कि प्रशासिनक अनुमति के बाद 19 जुलाई 2024 को टेंडर काल किया गया। सब जानते हैं कि उस समय उनकी माता कमलेश ढांडा कलायत सेे विधायक थी। हालांकि 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी। उपरांत जनवरी में सडक़ निर्माण को लेकर अगले पत्र के तहत 24 जनवरी 2025 को टेंडर एक एजेंसी को अलाट किया गया। बड़े अचरज की बात है कि इतना कुछ होने के बाद भी विधायक इसे अपनी मेहनत का परिणाम बता रहे हैं। सच्चाई यह है कि 13 मार्च 2025 को विधायक ने विधानसभा में सडक़ के मुदद्े को उठाया। लेकिन वे खुद बताएं कि 13 मार्च से अप्रैल माह में कार्य शुरू होने तक इस कार्य में विधायक की क्या भूमिका रही? क्योंकि टेंडर सहित तमाम प्रक्रियाएं पहली ही पूरी हो चुकी थी। इससे जाहिर होता है कि लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने से पहले काश विधायक किसी जेई से ही सडक़ से जुड़ी अपडेट ले लेते? इसके बाद कुछ कहने की जरूरत न रहती।तुषार ढांडा ने कहा कि कांग्रेस विधायक विकास सहारण परिवार सहित दिल्ली में रहते हैं। कभी कभार ही उनका कलायत हलका मेंं आना होता है और वे अकसर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे का खरक पांडवा गांव तक पहुंचने में इस्तेमाल करते हैंं। कहीं कल ऐसा न हो कि विधायक एक्सप्रेस वे के निर्माण का श्रेय लेने लग जाएं। क्योंकि इन दिनों विधायक भाखड़ा पानी को लेकर राजनीति रोटियां सेकने के प्रयास मेंं हैं। जबकि वर्ष 2020-2021 वित्त वर्ष में भाखड़ा के पानी के विषय को तत्कालीन राज्य मंत्री कमलेश ढांडा प्रमुखता से सीएम के संज्ञान में लाते हुए 27 जुलाई 2022 को इस योजना को मंजूरी दिला चुकी हैं।